STORYMIRROR

Rushabh Bhatnagar

Romance

3  

Rushabh Bhatnagar

Romance

तेरे प्यार में पागल

तेरे प्यार में पागल

1 min
369

ना जाने तुमने ऐसा क्या खास है,

तुम्हें देखते ही मेरा नेटवर्क हो जाता है,

ना जाने तुम्हारे अंदर ऐसा क्या है ,

कि तुमसे मेरा नेटवर्क जुड़ जाता है,


बारिश होने लगती है वक्त रुक जाता है,

हर कोई मुझे ब्लैक एंड वाइट दिखता है,

तुम्हीं सिर्फ मुझे रंग में दिखती हो,

मैं हवा में उड़ने लगता हूं,


ऐसा एहसास होता है मुझे तुम्हें देखते ही,

तुम्हारी इसी अदा ने मुझे गोली मार दी है,

ना जाने तुम क्या चीज हो,

तुम्हें देखते ही मैं पागल हो गया था,


तुमसे मिलते ही मैं दीवाना हो गया तुम्हारा,

यह दीवानगी हमारे प्यार और

हमारी आशिकी बयां करती है,

तुम बहुत रंग-बिरंगे अंदाज की हो,


तुम्हारी इसी कातिले अंदाज़ का

मैं दीवाना और आशिक हूं आए,

आज मैं और तुम एक हो गए हैं,

तुम मेरे प्यार के पागलपन में तुम्हें दीवाना बना दिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance