लकीर
लकीर
नोटों में तुलता ज़मीर,
महलों से कुचला कुटीर,
उस पार अमीर, इस पार फकीर हूँ मैं..
एक बदनसीब लकीर हूँ मैं !
राजनीति की जागीर,
सरहदों का शहीद वीर,
एक ही धरा की माटी को काटता चीर हूँ मैं..
एक बेबस लकीर हूँ मैं !
बंटवारे का प्यासा वज़ीर,
नफ़रत में बहता नीर,
रंग, जात-पात, धर्म में बंटता शरीर हूँ मैं..
एक खून भरी लकीर हूँ मैं !
समाज की जंजीर,
रूढ़ीवादी का प्राचीर,
बंधक नारी,और मुक्त नर की तकदीर हूँ मैं..
एक मर्यादा की लकीर हूँ मैं !
दोस्ती में रंगा अबीर,
प्रेम पथ का राहगीर,
दिलों के तार को जोडे़,
आशा की तस्वीर हूँ मैं..
एक खुशनसीब लकीर हूँ मैं !