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SIJI GOPAL

Tragedy

4.0  

SIJI GOPAL

Tragedy

चांद का गुरूर

चांद का गुरूर

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चंदा आज तेरी चांदनी भी काली हुई,

जैसे ग़म की कोई बुरी परछाई हुई।

गुरुर था तुझे भी मेरी तरह,

देख आज तेरे साथ भी बेवफाई हुई।।


ऐ चांद, कर लुंगा तुझे मैं हासिल,

चांदनी बना था अब तक,

आज दाग बनकर तुझ में हूँ शामिल,

ऐ चांद, कर लुंगा तुझे मैं हासिल!!


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