STORYMIRROR

Manju Rani

Tragedy Inspirational

4  

Manju Rani

Tragedy Inspirational

लिखें एक नई कहानी

लिखें एक नई कहानी

1 min
347

हम मिलकर लिखें एक नई कहानी

इस खारी-खारी जिंदगी में

मिलाएँ मीठा-मीठा पानी।

इन कड़वी-कड़वी बातों में

मिलाएँ मधुर-मधुर शहद-सी वाणी।


इन सहमी-सहमी गलियों में

मिलाएँ नई-नई चाहतों की रवानी।

इन मुरझाए-मुरझाए फूलों में

मिलाएँ महकती-महकती जिंदगानी।


इन टूटते-टूटते सपनों में

मिलाएँ श्रम की खुशबू सलोनी।

इन बिखरे-बिखरे रिश्ते में

मिलाएँ अपनेपन की चाशनी।


इन टूटे-टूटे दिलों में

बसाएँ प्रेम प्रसंगों की रोसनी।

इन गहरे खामोश नैनों में

बसाएँ प्यार की दीवानगी।


इन रिक्त-रिक्त एहसासों में

भरे ओस की बूंद की चमकनी।

इन बेईमानी ज़िन्दगी के अंधेरों में

रोशन करें अपनी दिल की सादगी।


इस मृत-सी मिट्टी में

बिखेरे अपने अरमानों की चाँदनी।

इन शुष्क हवाओं में

भरे आशा की आँखों की नमी।


इन जलहीन पोखरों में

भरे अपनी बरसातों का पानी।

इन सूखे-सूखी दरख्तों में

बसाएँ उन खगों की बिछौनी।


इन खाली-खाली जंगलों में

भरे हर जीव की मस्तानी।

इन सुनसान गाँवों में

बसाएँ फिर से नई उमंगों की कहानी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy