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Paramjeet singh

Romance

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Paramjeet singh

Romance

लौट आओ प्राण प्रिय तुम

लौट आओ प्राण प्रिय तुम

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तुम नहीं हो बे सहारे।

लो हुए अब हम तुम्हारे।।


लौट आओ प्राण प्रिय तुम।

ये हृदय तुमको पुकारे।।


इस भँवर से तुम निकालो।

नाव को लेकर किनारे।।


धन्य हूँ मैं सोच कर ये।

आज सजना घर पधारे।।


याद करके मन मचलता।

फूटते हिय में फुहारे।।


आ गए तुम प्रार्थना से।

भाग्य बदले अब हमारे।।


एक दिन होगा मिलन तो।

आस में थे दिन गुजारे।।


मार्ग चाहे था कठिन पर।

मुश्किलों ने पग पसारे।।


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