लाल जूनून
लाल जूनून
पापियों का नाश करने जब वो तलवार उठाती है
करके उनका वध वो चंडीका का भी बन जाती है
जलती जब क्रोध की अग्नि पाप की चिता जलाती है
कही भी होता अन्याय तो माँ ज्वाला सी धधक जाती है
लाल रक्त आंखों माँ के तब वो दुष्टों को मिटाती है
करो प्रार्थना सच्चे मन से माँ हर इच्छा पूरी करती है।