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विनीता धीमान

Drama

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विनीता धीमान

Drama

लाल बत्ती की जिंदगी

लाल बत्ती की जिंदगी

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चौराहे पर लगी बत्ती सी हो गयी है जिंदगी

क्या करूँ, रुकूँ या चल पडूँ तेरी ओर जिंदगी

सब कहते है सड़क पर है तीन बत्ती


लाल, हरी और पीली मेरे लिए है कौनसी

जीवन मे अब कोई रस नहीं

मेरे लिए अब इसका कोई मोल नही

मुझे तो भाय लाल रंग


मुझे लुभाय लाल रंग

सच मानो रूकना अच्छा है

ठहर कर देखो कौन अपना है

कौन तुझे अपनाता है,

कौन तुझे ठुकराता है।


मेरा जीवन बन गया लाल

लाल बत्ती की जिंदगी

मुझे हंसाती है रुलाती है

मुझे रुक कर फिर चलने को कहती है

मेरी लाल बत्ती की जिंदगी।


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