फटी जेब का ताना बाना
फटी जेब का ताना बाना
माना जीवन है
चलता फिरता
कारवां है
राह आसान नहीं है
मंज़िल बहुत दूर है
चलना मुझे आता है
संभलना भी आता है
लेकिन राह में रोड़े जो
उनसे कैसे बच जाऊँ
सबने समझाया
देख कर चलो
चोर बहुत है राहों में
इन गलियों, चौराहों में
अपनी जेब संभालो
फिर भी मैं जोश में
अपने होश गवां बैठा
जब देखा जेब की हालत
तब समझ गया मैं
फटी जेब का ताना बाना
कोई ले गया मेरे दो सिक्के
दे गया मुझे फटी जेब
कुछ ख़ुशियों को पा लेगा
कुछ अरमान सजा लेगा
फिर चल पड़ेगा अपने
नए अभियान पर
किसी और की जेब की तरफ
फटी जेब होगी
हाल बेहाल
कोई रो रहा होगा
अपनी किस्मत पर
अपनी फटी जेब पर...