कोरोना का नामोनिशान
कोरोना का नामोनिशान
दादी आज मैं आपको एक कविता सुनाऊं? काजल ने कहा
क्या बात है मेरी गुड़िया रोज तो तुम मुझसे कहानी सुनती थी
आज तुम सुना रही हो?
वो क्या है ना दादी आज हमारे स्कूल में कोरोना के बारे में बताया गया
तो मैंने भी सबको एक कविता सुनाई जो सबको पपसंद आई
और मैडम ने कहा है कि मुझे इसके लिए प्राइज भी मिलेगा।
अच्छी बात है लाडो चल जल्दी से सुना
तेरी कोरोना आया कविता दादी ने हँसते हुए कहा
कोरोना कोरोना आया है
महामारी बन छाया है
पूरी दुनिया को इसने
अपना गुलाम बनाया है।
ये छोटा सा जीव है
पर है खतरनाक
इससे बचना है तो जान लो
कुछ बातों को मान लो।
अपने हाथों को पानी से
धोकर ही सब काम करो।
सैनिटाइजर का भी उपयोग करो।
अब तुम किसी से न हाथ मिलाना
भारतीय संस्कृति को अपनाना
।
दूर से ही हाथ जोड़कर अभिवादन तुम करना।
अगर हो जाए खाँसी जुखाम
तो रुमाल, टिशू ही अपनाना।
ताजे फल सब्जियाँ खाओ
विटामिन सी को अपनाना।
योग प्राणायाम से अपनी
साँसों को मजबूत बनाना।
अगर कोरोना मिल जाए तो
डॉक्टर के पास जरूर जाना।
भीड़ भाड़ में मत जानघर को साफ भी रखना।
अपने बच्चों को बचाना।
उन्हें भी ये बात बताना
इन बातों को मान लो तो
न आएगा तुम्हारे पास कोरोना।
जब सब मिलकर करेंगे ये उपाय
तो मर जायेगा मारने वाला ये जीव
जिसने इतना उत्पात मचाया
अब उसको सबक सिखाएंगे।
अपने घर, देश और दुनिया से
कोरोना का नामोनिशान मिटायेंगे।
अरे वाह काजल बेटा बहुत अच्छी है,
अब तो तुम कविता भी लिखने लगी।
काजल हँसने लगी और बोली
अभी मैं यह मम्मी को सुनाकर आती हूँ।