मुझे जाना है वहाँ
मुझे जाना है वहाँ
प्रियतम मुझे ले चलो मुझे
जाना है वहाँ
जहाँ सिर्फ तुम हो और मैं।
हमारी तन्हाई और हम
कोई आता न वो वहाँ।
सूरज की किरणें हो
चाँद की चाँदनी हो।
तुम्हारी रूह हो
मेरी अनगिनत सांस हो।
कोई न जानता हो
कोई पहचानता न हो।
कोई संगी भी न हो
कोई साथी भी न हो।
मेरे साथी मेरे हमसफर
मेरे दोस्त मेरे प्यार
तेरा साथ हो तो जीवन में
तो ग़म से भी है प्यार
तेरी एक झलक से
मैं खुश हो जाती हूँ
सबको भूल कर
तेरे पास आ जाती हूँ
मुझे जाना है वहाँ, जहाँ
कोई न हो तेरे मेरे दरमियान
हाथ मे हाथ डाले चल
चल आसपास ही चल
मुझे ले चल वहाँ
जहाँ कोई न जाता हो
मैं तेरी हमराही ही नहीं
तेरी यादों की परछाईं हूँ
तेरा कल और आज हूँ
तू मेरा सबकुछ ही हूँ
मुझे ले जाना वहाँ
मुझे ले जाना वहाँ