क्यूँ ना खुद के लिए भी दुआ मांगें
क्यूँ ना खुद के लिए भी दुआ मांगें
आज हम मिलकर इक दुआ मांगते हैं
जिंदगी जीने की आसानियाँ मांगते हैं
अपने लिये तो हर कोई मांगता रहा है
हो सके तो इस जगत का भला मांगते हैं
जो अपने लिए नहीं मांगा वो अब मांगते हैं
सबके लिए सुकून और अमन का मांगते हैं
हर चेहरे पे खिली रहे मुस्कराहट मांगते हैं
अपने ईश्वर से जब चाहे तब दुआ मांगते हैं।