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Pinky Dubey

Abstract Romance Classics

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Pinky Dubey

Abstract Romance Classics

क्यूँ एक तरफ़ा प्यार होता है

क्यूँ एक तरफ़ा प्यार होता है

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वोह मुझे याद नहीं करता

वोह मुझे प्यार नहीं करता

फिर भी मेरा दिल उसके लिए धड़कता है

क्यों मुझे उसकी याद आती है

क्यों मैं उसके मुह से अपना नाम सुनना चाहती हूँ


क्यों मैं इतनी बेबस हुँ

क्यों मैं उसे भुल नहीं पाती हुँ

क्यों मैं उसके लिए रोती हुँ

जबकि मुझे मालूम है वो मेरा हो नहीं सकता


वोह तोह किसी और के साथ खुश है

भगवान दिल क्यूँ बनाते है

 बनाते है तो क्यूँ उसे तोड़ते है

क्यूँ वोह मुझे प्यार नहीं करता

क्या कमी है मुझमे

क्यूँ वोह उस औरत से प्यार करता है


कहता है की वोह परफेक्ट है

भगवान दिल बहुत रोता है

याद उसकी आती है

क्यूँ एक तरफ़ा प्यार होता है


क्यूँ दिल टूटता है

क्यूँ मैं उसे भुल नहीं पाती

क्यूँ दिल रोता है

क्यूँ एक तरफ़ा प्यार होता है।


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