क्यों, उसे पता नहीं
क्यों, उसे पता नहीं
दुनिया में अच्छा नहीं कोई लगता उसके बिना,
उसे पता नहीं मेरा जी नहीं लगता उसके बिना।
पूरी रात यूं ही गुजर जाती है आंखों में मेरी ,
हसीं ख्वाब नहीं कोई दिखता उसके बिना।
की बहुत कोशिश लोगों ने मुझे लुभाने की,
मुझे चेहरा नहीं कोई जंचता उसके बिना।
कोशिश बहुत की मैंने सजने सँवरने की,
मुझे कपड़ा नहीं कोई फबता उसके बिना।
खाई कसम बहुत उसको न याद करने की ,
पर मेरा वक्त नहीं कोई कटता उसके बिना।