क्या मैं तुम्हें सच में याद नहीं
क्या मैं तुम्हें सच में याद नहीं
तुम्हें सच में याद नहीं ये दिन,
या कोई और बात है,
हर बार तुम्हीं तो मुझे याद दिलाते थे,
फिर आज क्या हुआ,
तुम कैसे भूल गए, क्या तुम्हें में याद हूँ,
या मुझे भी भूल गए,वो बातें,
वो तुम्हारा मेरे कदमों के साथ चलना,
तुम सच में भूल गए, कैसे कैसे भूल गए,
अभी कुछ रोज़ तक तो तुम्है सब याद था,
फिर कैसे भूल गए कैसे
तुम्हें वो दुपट्टा, वो झुमका तो याद है न,
याद करो उस दिन मेले तुमने मुझसे कुछ मांगा था,
और मैंने तुम्हें झुमका दिलाया था ,
और कहा था जब भी मेरी याद आये तो,
तुम इसे पहन लेना और वो गुलाबी दुप्पटा
क्या में तुम्हैं सच मैं याद नहीं।