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Ratna Kaul Bhardwaj

Fantasy

4  

Ratna Kaul Bhardwaj

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क्या है प्यार ?

क्या है प्यार ?

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जिसकी शिद्दत कभी

लफ्ज़ बयां न कर पाए  

गहराई हो उतनी कि

समंदर भी शर्माए 


जिसकी सादगी पर

आसमान झुक जाये 

उसकी उदासी देखकर

चेहरे मुरझा जाये।


जिसका हुस्न अल्फ़ाज़ों में

बयां न हो पाए 

जिसके दीदार से हर

गुल गुलशन लहराए 

क्या वही प्यार है ?


जिसके लिए दिल में

हर पल हो बेताबी 

उसका एहसास हो और

लगे उसकी मौजूदगी 


दिल धड़कना भूले

जिसको देखते ही 

जिसके जिस्म से

टकराती हवा लाये ताज़गी 


अँधियारा दूर करे जिसके

चमकती आखों की रौशनी 

एक पल भी न सही

जाये जिसकी दूरी 

क्या वही प्यार है ?


जिसके बिना हर तरफ अंधकार हो 

भिन उसके यह ज़िन्दगी बेकार हो 

हर दम यूं लगे दिल बीमार हो 

कुछ कहूँ न कहूँ मन सोचे बार बार हो 

क्या वही प्यार है ? 


प्यार मिलान की आस हैं 

खूबसूरत एक एहसास है 

बिन चाहत के ज़िन्दगी 

बस उदास उदास है 


प्यार भुलाया नहीं जाता 

निभाया जाता है 

किसी की याद को दिल के 

कोने में बसाया जाता है 


है रब से यह दुआ कि दिल 

किसी पर फ़िदा न करें 

जिनका इश्क परमान चढ़ा हो 

उन दिलों को कभी जुदा न करें।


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