क्या गरीब का भी है भगवान ?
क्या गरीब का भी है भगवान ?
तन पर मैले चीथड़े ,
सूखे होंठ , चेहरा बेजान ,
आंख में आंसू ,
मुख से गायब उसकी मुस्कान ,
ढूंढ रहा कचरे में रोटी ,
दिल में लिए कई अरमान ,
क्या गरीब का भी है भगवान ?
लाचार बचपन ,
चौराहों पर भीख मांगता,
लावारिस अनजान ,
पेट की भूख ,
कड़कती ठंड या तेज़ धूप ,
मां की बीमारी ,
घर की ज़िम्मेदारी ,
ठोकरें दुत्कार ,
भटकता परेशान ,
क्या गरीब का भी है भगवान ?
गरीब की एक ही कहानी ,
हो श्रमिक या कोई किसान ,
मोल भाव गरीब का होता ,
राज़ करते हैं बईमान ,
हर संकट गरीब को छूता,
कमर तोड़ते सरकारी फरमान ,
क्या गरीब का भी है भगवान ?
मन्दिर मस्जिदों पर लाखों लुटते,
गरीब के बच्चे बिन छत के सोते ,
प्रतिमाओं को मिलता अधिमान ,
निर्धन की हुई सस्ती जान ,
कैसी मानसिकता पाले इंसान ,
क्या गरीब का भी है भगवान ?
गर सब हैं ईश्वर की संतान ,
नज़र में उसकी सब एक समान ,
तो क्यों तन ढका नही है उसका ?
क्यों घूमे वो भूखा परेशान ?
क्यों भटके वो नंगे पांव ?
क्या सच में गरीब का भी है भगवान ?