मन्दिर मस्जिदों पर लाखों लुटते, गरीब के बच्चे बिन छत के सोते। मन्दिर मस्जिदों पर लाखों लुटते, गरीब के बच्चे बिन छत के सोते।
उन अधजल मोम के टुकड़ों को कसके हथेली में था पकड़ा उन अधजल मोम के टुकड़ों को कसके हथेली में था पकड़ा