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कविता

कविता

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शब्दों के इस वृहत्त कोष में से

इसी तरह कुछ शब्द चुन कर


जब मन की व्यथा

कोरे कागज़ पर उतर आती है


तो एक बार फिर

जन्म लेती है - कविता।


अपनी भूख से व्याकुल भूखा जब

भिक्षा के लिए निकलता है


और उसकी भूख से अनभिज्ञ

जब हम उसे सूखी व बासी

रोटी देते हैं तो


बगीचे के एक कोने में प्रभु

उसके अधरों से प्रस्फुटित

होती है - कविता


मेधावी और निर्धन छात्र जब

दिए में छात्रवृति की

तैयारी करता है,


पर चाकू की नोक पर

नक़ल करने वालों को

देख,


उसके निश्छल नयनों से फूट

पड़ती है - कविता।।


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