चाकू की नोक पर नक़ल करने वालों को देख, उसके निश्छल नयनों से फूट पड़ती है - कविता।। चाकू की नोक पर नक़ल करने वालों को देख, उसके निश्छल नयनों से फूट पड़ती है - ...
बताओ उपकार क्या वाकई ऐसा ही होता है ? बताओ उपकार क्या वाकई ऐसा ही होता है ?
शूल ही शूल बिखरे पड़े राह में, दीनता से हमें कब उबारा मिला। शूल ही शूल बिखरे पड़े राह में, दीनता से हमें कब उबारा मिला।
विनम्रता न छोड़िए, न दीनता दिखाइए, उदारता -क्षमा-दया, आचरण में लाइए। विनम्रता न छोड़िए, न दीनता दिखाइए, उदारता -क्षमा-दया, आचरण में लाइए।