झूठ आकर सत्यता को छल रहा है। आज घर-घर साँप बिच्छु पल रहा है। झूठ आकर सत्यता को छल रहा है। आज घर-घर साँप बिच्छु पल रहा है।
शूल बिछाए इस पग में, तो कंटक दूजे पग तुझे मिलता हैं। शूल बिछाए इस पग में, तो कंटक दूजे पग तुझे मिलता हैं।
मनुजता के हम काम आएं। सत्य की राह पर हाथ थाम चलो। जय नील सरस्वती तारा जय। जय-जय शारदा माता जय। मनुजता के हम काम आएं। सत्य की राह पर हाथ थाम चलो। जय नील सरस्वती तारा जय। ज...
क्या गदा कौमोदकी कर में सुशोभित ही रहेगी? या किसी व्यभिचार के विपरीतता में भी उठेगी? अब तुम्हारा र... क्या गदा कौमोदकी कर में सुशोभित ही रहेगी? या किसी व्यभिचार के विपरीतता में भी उ...
विनम्रता न छोड़िए, न दीनता दिखाइए, उदारता -क्षमा-दया, आचरण में लाइए। विनम्रता न छोड़िए, न दीनता दिखाइए, उदारता -क्षमा-दया, आचरण में लाइए।