निज स्वारथ के कारण तूने मेरा दामन विदीर्ण किया। निज स्वारथ के कारण तूने मेरा दामन विदीर्ण किया।
जिंदगी एक कूड़ा घर है रोशनी का घर नहीं है। जिंदगी एक कूड़ा घर है रोशनी का घर नहीं है।
जब हुआ महाभारत कितने लोगों ने प्राण गंवाये थे स्वार्थ और परमार्थ के तब भेद समझ में आय जब हुआ महाभारत कितने लोगों ने प्राण गंवाये थे स्वार्थ और परमार्थ के तब भेद स...
विविध काल फल मिलते अलग, भले होता कर्म समान, परिवर्तन शाश्वत सत्य है..... विविध काल फल मिलते अलग, भले होता कर्म समान, परिवर्तन शाश्वत सत्य है.....
उसी सिस्टम का हम भी हिस्सा हैं। उसी सिस्टम का हम भी हिस्सा हैं।
महापुरुष भी यही सिखाते, परोपकार ही है सर्वोत्तम धर्म। महापुरुष भी यही सिखाते, परोपकार ही है सर्वोत्तम धर्म।