कवि और कविता
कवि और कविता
कवि व कविता का है चोली-दामन का साथ,
कविता ही कवि के अहसासों की साख ।
जरूरी नहीं हर बार जो हम समझे वही हो,
कवि हृदय को समझना आसान नहीं होता।
वैसे भी जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि,
हर पहुँच से ऊपर है कवि की कल्पना।
कवि की कविता वह तलवार की धार है
जो बदलाव लाने में एकदम सक्षम है।
इतिहास के पन्ने पलटिए प्रत्यक्ष दिखेगा
समाज को बदलता बस कवि मिलेगा ।
आदिकाल से आधुनिक तक का इतिहास
देता है कवि-कविता का अनुपम आभास।
कवि-कविता की ताकत अगणनीय है
सोच को बदलने में अतुलनीय है।
कवि की कविता की अद्भुत विशेषता
एक ही विषय पर हजारों कविता व वक्ता।
कवि की कविता ऐसी अनंत उड़ान,
उम्र संग गति बढ़कर दिलाती मुकाम।
कवि होता है समाज का वो सशक्त सतम्भ
जिसकी कविता करती पाठक को स्तब्ध।
बच्चा-बूढ़ा ,बेटा-बेटी, प्रेम-विरह, रिश्ते-नाते,
कवि के मन को हर रूप में बहुत हैं भाते।
भाइयों और बहनों ये मेरी कविता
न खत्म होगी, अनवरत बहेगी सदा....