कुछ अनकही सी बातें
कुछ अनकही सी बातें


कुछ अनकही सी बाते.ं.
कुछ अधूरी यादेॱ..
इस तरह मेरे दिल को छू गयी...
मेरे दिल की किताब आरजू बन
आज मेरी ही कविता बन गयी !
मन के भाव मन की बातें..
कुछ अनकही सुलझी सी रातें !
तन्हाई का आलम..बावरा मन;
ख़ामोशी सा हैं.. ये समा सावन !
अंधेरी बातें अंधेरी यादे..
हर एक लम्हें की बेहतरीन यादें.
कैसे ना बया करे दिल की रागिनी..
मौसम की खूबसूरत रंगीन नजारे !
दिले दिल गुलजार मेरा;
जीवन है सारवार मेरा;
सलामत रहे.. इस जहां में..
मेरा पूरा परिवार हमेशा...
कविता का कारवाँ
कविता का दरबार
मेरी कविता का सारवार;
यही है..जीवन का कारभार !