bhavi tiwari

Romance

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bhavi tiwari

Romance

कस्तूरी

कस्तूरी

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सुनहरी धूप भी बस

तेरे लिए खिला करती है

हमसे तो गर्म हवाएं भी

गिला करती है

ठिठुरती शरद हवाओ से

अब तक मर गए होते

वो सर्दी में तेरा गर्म ख्याल

ही हमे जिंदा रखता है

तू किसी मदमस्त हिरनी सी

दिखा करती है

कस्तूरी तेरे तन की

मेरे जिस्म में महका करती है।


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