उसके सुर्ख़ होठ कब मेरे होठों से टकरायेंगे, उसके बिखरे बाल कब मानसून बनके मुझपे बरस ... उसके सुर्ख़ होठ कब मेरे होठों से टकरायेंगे, उसके बिखरे बाल कब मानसून...
झीलें तुम्हारी आँखों में झीलें तुम्हारी आँखों में
चंचल हिरनी सा मन मेरा पल में खिलता पल में घबराया सा, सुख में सुकमाया सा, दुःख में चंचल हिरनी सा मन मेरा पल में खिलता पल में घबराया सा, सुख में सुकमाया सा, ...