Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Praveen Gola

Romance

4  

Praveen Gola

Romance

कसम से

कसम से

1 min
315


तेरा नाम लबों तक आकर ,

कहीं गुम हो जाता है ....कसम से |

तू ख्वाब में मेरे आकर ,

कहीं छुप जाता है ....कसम से |


मैं दुनिया से ये कैसे कह दूँ ,

कि मैं तेरे दरस की दीवानी ,

मेरा दिल तेरी आहट पाकर ,

कहीं मचल जाता है ...कसम से |


तेरे नाम का मैं सजदा करती ,

रोज़ तुझे अपनी बाहों में भरती ,

तेरी एक झलक को देखकर ,

मेरा रुप निखर जाता है ....कसम से |


अपने इश्क का कोई दावेदार नहीं ,

ये तेरी - मेरी मर्जी की तकरार सही ,

तेरे सारे इशारों पर हार ये दिल ,

मेरा अंग बहक जाता है ....कसम से |


तेरा नाम लबों तक आकर ,

कहीं गुम हो जाता है ....कसम से |

तू ख्वाब में मेरे आकर ,

कहीं छुप जाता है ....कसम से ||



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance