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Mukesh Kumar Modi

Abstract Classics Inspirational

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Mukesh Kumar Modi

Abstract Classics Inspirational

क्रोधमुक्त ख़ुशीयुक्त

क्रोधमुक्त ख़ुशीयुक्त

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रहम नहीं आता खुद पर क्यों करते हो क्रोध

क्रोध करने से हृदय में होगा रक्त का अवरोध


हृदय गति रुक गई तो मृत्यु को तुम पाओगे

क्रोध करके अपना अमूल्य जीवन गँवाओगे


अपने ही रिश्तेदारों से तुम बिछड़ जाओगे

क्रोध रूपी गलती से सबको तुम रुलाओगे


क्रोध नहीं करो तुम प्यार का पथ अपनाओ

खुद भी चलो इस पर औरों को भी चलाओ


आ जायेगी बहारें और हो जाओगे खुशहाल

खुशी रूपी धन से तुम सदा रहोगे मालामाल !


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