" करो काम की बात "
" करो काम की बात "
रेखाओं को छोड़ दो, करो काम की बात
बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से खात
आम कहाँ से खात, यत्न सभी कर दिखाओ
करो ठोस शुरुआत, भाग्य का लेख मिटाओ
काम बनाएं दाम, बात को खास भुनाओ
बनें काम हर हाल, मिटाओ तुम रेखाओं।
