क्या कल्पना के मात्र से, हासिल किसी को कुछ हुआ है। आसमाँ के जद की इच्छा, गर हमारे दि क्या कल्पना के मात्र से, हासिल किसी को कुछ हुआ है। आसमाँ के जद की इच्छा, ...
अपनी दुर्बलताओं और विकारों को दूर करने का यत्न करें। अपनी दुर्बलताओं और विकारों को दूर करने का यत्न करें।
प्रकाश की जो चाह है, जला, जो हाथ में मशाल है। प्रकाश की जो चाह है, जला, जो हाथ में मशाल है।
रिश्ता ऐसा कोई ना होगा कर लो कितने भी प्रयत्न। रिश्ता ऐसा कोई ना होगा कर लो कितने भी प्रयत्न।
करो ठोस शुरुआत, भाग्य का लेख मिटाओ करो ठोस शुरुआत, भाग्य का लेख मिटाओ
दमके माँ की हरी घघरिया, गोटे जड़ी चुनरिया रे।५ दमके माँ की हरी घघरिया, गोटे जड़ी चुनरिया रे।५