करीब आने के दिन !
करीब आने के दिन !
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लगता है तेरे मेरे करीब
आने के दिन आ रहे हैं
लगता है अपने नसीब
खुलने के दिन आ रहे हैं
अब तक जो तेरे दिल ने कहा है
वही तुम्हारे दिल ने सुना है
अब लगता है तुझ को रु-ब-रु
सुनने के दिन नज़दीक आ रहे हैं
जी चाहता है अभी से ये
दिल-ओ-जान सरे राह रख दूँ
कि तुझ पर अपनी जान
लुटाने के दिन आ रहे हैं
अब तो टपकने लगी है इन
मेरी आँखों से मस्ती भी
लगता है अब तुझ से निगाहें
मिलाने के दिन आ रहे हैं !