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Rekha Shukla

Romance Inspirational

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Rekha Shukla

Romance Inspirational

आँख मिचोली

आँख मिचोली

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खेलती हैं जिंदगी आंख मिचोली 

जलते दिये हमारे चिराग क्यां करुं

"बा" तु युं छोड़ जायेगी बात करो 

युं रूठके तो न जायेगी तेरे आने से 

सब ठीक हो जायेगा कमरे की उदासी देती दिलासा वो 

आयेगी कोशिश जारी रह ना जाये 

मेरे मौलापा कर खो दिया फिर से मिल कर भूला दिया ?


चाहत की शरण में तो आउंगी ही 

समजदार क्युं नहीं हो मेरे मौला ?

संभल जाओ और हौंसला ही बढ़ा दो

ताकत बना दो, साथ रहे मेरे मौला


जुदा कर दे दर्द सारे,

मेरे मौलाजी भर के चाहु तुझे मेरे मौला

खुश्बु से भरी मोम की परी हुं मेरे मौला

एक बार बुला के देख मा तेरी लाडली खो गई कहां

क्युं में मरुं रोज रोज स्कूल में मेरे मौला

तुं क्युं खो गई कब्रस्तान,


वो बोला मेरे मौला

क्युं बार बार काट काट कर तुने मारा ?

वाह खुदा तुने भी लूट लूट कर मुझे मारा

क्युं आई नौबत बनके द्वार मेरे मौला

खो गई औकात बनके औरत मेरे मौला

तुझे अब क्या आशीर्वाद दूँ मेरा बच्चा तू ही तो 

आशीर्वाद बन घर आई दादी अम्मा !


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