(क्रांति)एक नए मनुष्य का उदय
(क्रांति)एक नए मनुष्य का उदय
आज हमारी नजर में ऐसा कोई गाँव नहीं हैं।
जहां आपस में या फिर एक दूसरे पड़ोसी से बगावत ना हो।
आज क्रांति की जरूरत है बगावत की नहीं ..॥
लोगों को आपस में विद्रोह हो गया है।
और विद्रोह क्रान्ति नहीं हैं॥
क्रांति रास्ता भटक गई है-
इसीलिए विद्रोह, बगावत हो गया है, लोगों में।
विद्रोह, बगावत, क्रांति नहीं हैं।
क्रांति का मतलब है,
एक नये मनुष्य, व्यक्तित्व का उदय, उद्घाटन॥
बगावत का मतलब है, पुराने व्यक्तित्व को तोड़ देना है,
इसकी बिना फिक्र किए कि नया व्यक्तित्व
कुछ बनता है कि नहीं बनता है॥
बगावत क्रोध है, क्रांति विचार है।
बगावत कर देना बहुत आसान हैं।
क्रांति कर देना बहुत सोच -विचार और चिंतन की बात है।
क्रांति हमेशा कुछ नये को जन्म देती हैं॥
इसलिए हमें बगावत, विद्रोह नहीं बल्कि क्रांति लाना होगा ..॥