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Pooja Agrawal

Drama

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Pooja Agrawal

Drama

कोशिश

कोशिश

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आंगन सूना, सूना उपवन 

सूनी सारी कायनात 

सूनी मैं, सूने तुम

सूना हमारा जीवन है।


जीवन साथी तुम थे मेरे,

साथ में कसमें खाई थी।

दुख सुख बाटेंगे सदा,

बस यही एक ख्वाहिश थी।


अब इन आँखों में

कांच से चुभते सपने हैं।

पराये होकर भी लगते

अभी भी अपने हैं।


ग़लतफ़हमियों की मझधार में

डूबते हमारी मोहब्बत है

क्या मेरे बिन जी लोगे तुम,

मुझको नहीं यह आदत है।


शिक़वे, शिकायतों की गिरह खोलें,

भूल के अपनी नादानी।

उन प्यारे लम्हों की ख़ातिर,

हम फिर से एक हो लें।


हमारी मोहब्बत का वो फूल

खिलने से पहले मुरझा जाएगा।

अक्स दिखता हैं उसमें हमारा

क्या वो बेहतर ज़िन्दगी जी पायेगा ?


सींचेंगे उस फूल को हम 

अपने प्रेम की डोर से

महकेगा फिर से गुलशन

फिर से बहार आएगी।


हमारी-तुम्हारी प्रेम कहानी

तब पूरी हो जाएगी।


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