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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

कोरोना की शोक लहर

कोरोना की शोक लहर

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अजीब डर लेकर कोरोना आया। 

अपनों की जिंदगी बचाने के लिए ,

इंसान अपनों को दूर करके,

किस तरह जिंदगी औंर मौत से लड़ पाया।

बिछड़ गए जो इस भंवर में, 

उन अपनों की शोक लहर से कहाँ निकल पाया।


अजीब डर लेकर करोना आया।

मौत के आगोश में जो चले गए,

अखिरी बार भी गले न लगा पाया।

तेरी बवजह से ,

कितने बेटे से तूने कंधा तक छुड़वाया।

बिछड़ गए जो इस भंवर में, 

उन अपनों की शोक लहर से कहाँ निकल पाया।


अजीब डर लेकर करोना आया।

अकेलेपन की वो यातना।

तड़प कर समझ पाया।

अपनों से दूर हो कर,

पल पल कितना मौत को पाया।

जिस छुअन से दर्द न रहते ,

उसे भी छू न पाया।।


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