कोरोना .......... एक बेबसी
कोरोना .......... एक बेबसी
माना कि ज़हर घुला है हवाओं में
मगर ज़िद सी भी है इन फ़िज़ाओं में
ऐ घंटियो ,शिवालयों से कह दो
तेरा - मेरा रिश्ता तो दुआओं में हैं
क़हर क़ुदरत का एक पैग़ाम -सा दे गया
बेबसी का एक सामान सा दे गया
फ़िज़ा में एक कशिश - सी है
हवाओं में एक ख़लिश -सी है
क़हर ऐसा क़ुदरत ने बरसाया है
पत्ता -पत्ता बूटा -बूटा
दूर रहने को मजबूर हो आया है।