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Shyama Sharma Nag

Inspirational

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Shyama Sharma Nag

Inspirational

आओ कुछ ऐसा कर दिखाएँ .......

आओ कुछ ऐसा कर दिखाएँ .......

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आओ कुछ ऐसा कर दिखाएँ ,इक नया सपना सजाएँ ।

जहाँ से चलें , जहाँ तक चलें, शिद्दत से बढ़ें , शिद्दत से चढ़ें ,

ग़र काफि़ला ख़्वाबों का है, हथियार जंग​ को बनाएँ ,

इक नया सपना सजाएँ ।


परिस्थितियाँ हों अनुकूल तो मजा़ ही क्या , 

ज़न्नत हो सब , फिर वजह ही क्या , 

ग़र मँज़िलें हैं दूर तो क्या,फासलों को अब मिटाएँ, 

रावण नहीं,राम को लाएँ,इक नया सपना सजाएँ I 


समय की चुनौती पर न हो हैरान​,अपने किए पर न हो पश्यमाँ ,

ग़र रात है काली तो न घबराएँ ,उजाले सुबह के भी ढूँढ लाएँ,

इक नया भारत बनाएँ ,आओ कुछ ऐसा कर दिखाएँ,

इक नया सपना सजाएँ


तमन्नाओं की कशमकश में , ग़र समन्दर के भँवर में ,

ढूँढने मोती को, बस किनारे तक न जाएँ ,

मुद्दा युगों का नहीं यहाँ पर​, अपना हर पल बनाएँ,

इक नया सपना सजाएँ ।


मुद्दतें हो गईं यहाँ पर​, सपने सँजोते सँजोते ,

झँझावातों के भँवर में, न रह पर के भरोसे ,

जज़्बा है तो कर गुज़र ...........

इक आग-सा, इक शोला-सा, दे हवा उसको तू बढ़ कर​

तोड़ तारे आसमाँ के, हम ज़मीं पर ले ही आएँ ।

आओ कुछ ऐसा कर दिखाएँ, इक नया भारत बनाएँ ।


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