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Hitesh Awara

Inspirational

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Hitesh Awara

Inspirational

क्यों बुरा ठहराते हो दुनिया को

क्यों बुरा ठहराते हो दुनिया को

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क्यों बुरा ठहराते हो दुनिया को 

कुछ चंद लोगों का नाम रखो।

तुम्हें सताने वाालेको ना यूं 

दुनिया से गुमनाम रखो।


अच्छे बुरे का फर्क पता ना पर

अच्छे को ही सताएगा। 

तुझसे प्रेरित होकर वो अच्छा

कल बुरा बन जाएगा। 

तेरी तरह तेरा नाम भूल 

दुनिया को बुरा बताएगा।  


पूरा जहाँ तो उठ कर आयााना होगा 

क्यों दुनिया को बदनाम रखो। 


फिर उस जालिम के सताने पर

बुरा लगेगा और किसी को।

यही चलता रहना जग में 

बुरा बने सताया जिसी को।  

बदल रहा है जहाँ हमारा 

बदलता नियम बतााए इसीको।


निकाल मुखौटा भोलेपन का 

ना खुद को खुद से अनजान रखो। 


क्यों बुरी लगती है ये दुनिया 

मै मशरूूूफ हूँँ इस हल केे लिए। 

झोका है हवा का आवारा 

निकला पल दो पल के लिए।

जिसको जो करना अब करले 

मैं तैयार नहीं हूँ कल केे लिए। 


निकलते है अलफाज मेरे कुछ 

शराफत से पहचान रखो। 


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