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Shyama Sharma Nag

Inspirational

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Shyama Sharma Nag

Inspirational

सपने.......

सपने.......

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सपने........


जब उदास मन हो
और सोच पे बंधन हो
भावनाएँ भी साथ न दें
संवेदनाएँ पलट कर जवाब न दें

उस वक़्फ़ पे
सोच की रफ़्तार को
जनून की हद तक ले चल
वक़्त की पतवार पे बहता चल
हवा-सा तू बहने दे
फूलों -सा महकने दे
श्रृंगार -सा सँवरने दे
बच्चों - सा मचलने दे
सोच को अंजाम देते हैं ये
तभी तो सपने कहलाते हैं ये

ख़ुदगर्ज़ी से दूर
हक़ीक़त से भरपूर
ज़िंदगी के ये नूर
घुँघरू -सी झँकार सुनाते हैं ये
तभी सतरंगी दुनिया के
अठरंगी सपने कहलाते हैं ये

डॉ0 श्यामा शर्मा नाग


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