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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

कन्यादान

कन्यादान

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हाथों में चूड़ा,गहनों से लदी और पहना लाल जोड़ा,

देवी सा रूप धरे दुल्हन के साथ सटकर बैठा है दूल्हा,

पावन फेरों हेतू कन्यादान के लिए कर रहे प्रतीक्षा।।


विवाह की वेदी पर अग्निकुण्ड प्रज्जलवित हो रहा,

पंडितजी कह रहे जजमान सौंप दो इसे अपनी कन्या,

इन्हें अनुमति दे,बंधन ये सात जन्मों का समझाना,

आशीर्वाद में हाथों में हाथ देकर कहो सदा सुखी रहना।।


कन्या का लक्ष्मी-रूप घर में भाग्यशाली होता,

ग्रंथो में भी कन्यादान का जिक्र ये दान पुरातन इतना,

मान इतना इन पर होता दो कुलों की लाज का जिम्मा।।


आजकल कहते कन्या का दान नहीं किया जाता!!

निष्कासन कैसे कर सकते भला घर की लक्ष्मी का!

कौन समझायें कि रीति रिवाजों को छेड़ा नहीं जाता,

अच्छा नहीं हिंदु संस्कृति की हर बात में ऊँगली करना,

विज्ञान पर आधारित हैं हर रीति-रिवाज़ हर धारणा।।


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