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Ganesh Chandra kestwal

Inspirational

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Ganesh Chandra kestwal

Inspirational

पर्यावरण दिवस यहाँ नित होगा

पर्यावरण दिवस यहाँ नित होगा

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कैसी प्रकृति मानव रखता है?

स्वयं समस्या को जनता है


बुद्धिजीवी तब कुछ मिलते हैं

नए मंच वे फिर रचते हैं

विविध दिवस घोषित करते हैं

दिवस वर्ष के कम पड़ते हैं


मानव निज स्वभाव सुधारें

समस्याएँ स्वयं से हारें

प्रकृति बड़ी उदार-मना है

हानि पहुँचाना इसे मना है


दुर्वृत्तियाँ न प्रकृति पर थोपें

निज गलत कदमों को रोकें

धरती का रूप निराला होगा

पर्यावरण दिवस यहाँ नित होगा।




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