STORYMIRROR

Shilpi Goel

Inspirational

4  

Shilpi Goel

Inspirational

परिंदे

परिंदे

1 min
209

कुछ नया ढूंढने की तलाश

हर रोज करते हैं,

यही सोच कर परिंदे

घर से निकलते हैं।


आज कुछ मुकाम

हासिल कर जाएंगे,

तिनका-तिनका जोड़

एक घरोंदा ऐसा बनाएंगे,

जहां सूकुन से अपना

बसेरा बसाएंगे।


चाहत है मेरी

मैं भी उड़ जाऊँ,

उस नीले गगन में

बसेरा बसाऊँ,

जहां इंद्र धनुष के रंगों से सजी

एक दुनिया तैरती है अंबर में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational