चुप्पी बेकार है
चुप्पी बेकार है


हो रहा है अगर कुछ गलत सामाज में तो उनदेखा ना करें!
आवाज़ उठाये उसके खिलाफ क्योकि जो हो रहा कर देगा सामाज को शर्मशर है!
करें बगावत उसके खिलाफ पत्थर की मूरत बनकर ना रहें!
क्योकि बदल सकते तुम भी संसार है इसलिए चुप्पी बेकार है!
जो हुआ तुम्हारे साथ उसको कभी भूलना मत आवाज़ उठानी है गलत के खिलाफ!
सहना नहीं कोई भी तुमको अत्याचार है!
करना है डटकर सामना माननी नहीं तुमको हार है!
बदलनी है अगर लोगो की मानसिकता इस संसार में तो चुप्पी बे
कार है!
जो करते है लड़का और लड़कियों में भेद उनकी बुरी सोच को हराना है!
लड़कियाँ नहीं है कम लड़को से ये उनको बताना है, और लड़कियाँ लड़को से ज्यादा समझदार!
ये भी उनको बताना है सही राह को दिखाना है!
सब कुछ उनको कहना है इसलिए चुप्पी बेकार है!
जो समझते है कमज़ोर तुम्हें उन्हें कुछ करके दिखाना है!
तुम्हारे अंदर भी हुनर है,और तुम हो ज्ञानी उनसे हो समझदार!
दिखना अपना तुमको है उनको ज्ञान
इसलिए चुप्पी बेकार है!