आज़ादी
आज़ादी
जब चलेगी लड़कियाँ निडर होकर गन्दी निगाहो से तब होगा देश आज़ाद !
रहेंगे सब मिलकर ना होगा दंगाफसाद ना मचायेगा कोई उत्पात तब होगा देश आज़ाद !
जब होंगी नौकरी और बढ़ेगा जिस दिन व्यापार उस दिन होगा देश आज़ाद !
जब किसान कि घर रोटी होंगी, और सोच ना किसी की छोटी होंगी
और किसान अपनी मेहनत का फल खायेगा हर बार तब होगा देश आज़ाद !
जब दहेज के लिए किसी की बेटी नहीं जलेगी, बेटी होने पे बम पटाके और फूल झाड़ियां जलेगी उत्सव होगा खुलकर सामने आएंगे सबके खुश होने के जस्बात तब होगा देश आज़ाद !