दोस्ती
दोस्ती
आपसे दूर हुए हर जगह उदासी बड़ी थी
आते भी पास कैसे आपके क्योकि
जो भावनाएँ थी वो तो कबके मर पड़ी थी!
जो रहें तुम्हारे बुरे वक़्त मे भी साथ हैं
जो छुपता ना हो तुमसे कोई बात है
जो साये की तरह रहता तुम्हारे साथ हैं
जो पहुँचता नहीं तुम्हे आघात हैं!
जो दिखता तुमको सही रास्ता और होने नहीं देता
फ़िज़ूल का कही वक़्त बर्बाद है!
जो करते तुमको कुछ बनने के बाद भी याद है!
जो करता अच्छे - बुरे काम तुम्हारे साथ है!
जो तुमसे लड़ता झगड़ता और फिर मनाता हर बार है!
जो तुम्हारे परिवार को समझता अपना परिवार है!
जो रखता हैं तुम्हारे लिए अच्छी सोच!
ऐसे होता है दोस्त!