इंतज़ार मैं तुम्हारा करता हुँ
इंतज़ार मैं तुम्हारा करता हुँ
चले जा रहे हो मुझे छोड़कर क्यों और किस वजह से!
जबकि प्यार मैं तुमसे सबसे ज्यादा करता हूँ !
आओगे लौटकर मुझे भरोसा है तुमपर!
और इंतज़ार मैं तुम्हारा करता हूँ !
मिलाएगा ख़ुदा तुमसे ज़रूर एक ना एक दिन जीवन में!
यकीन मैं ख़ुदा पे खुद से ज्यादा करता हूँ !
हो जाये चाहें कुछ, मिलाकर रहे ख़ुदा मुझे तुमसे!
और मैं इंतज़ार मैं तुम्हारा करता हूँ !
याद तुम्हें मेरी भी आएगी ज़रूर जिंदगी में!
भरोसा मैं अपनी पाकीज़ा उल्फत पे करता हूँ !
लाएगी मेरी उल्फत तुम्हें मेरे पास एक ना एक दिन!
और इंतज़ार मैं तुम्हारा करता हूँ !
जाओगे कहाँ दूर मुझसे हसीन लम्हों को याद तो करोगे एक बार कभी!
यादों के साये मैं जो जी रहा हूँ
आओगी तुम ज़रूर भरोसा इतना खुद पर करता हूँ !
सच्ची मोहब्बत की होगी मुझसे तो दूर नहीं जा पाओगे!
इंतज़ार मैं तुम्हारा करता हूँ !