"मैं वो नहीं"
"मैं वो नहीं"
तो क्या हुआ अगर मैं बडी हो गई हूँ,
मैं बारिश में आज भी भिगउंगी।
तो क्या हुआ अगर मैं यहां किसी कि लाडली नहीं हूँ,
मैं अपने अंदर के बच्चे को आज भी खेलने दूंगी।
तो क्या हुआ अगर मैं अब जिम्मेदारियों के तले हूँ,
मैं आज भी उछल उछल के नाचूंगी।
तो क्या हुआ अगर मैं उड़ना भूल गई हूँ,
मैं रंग बिरंगी गुब्बारे अब भी खरीदुगीं ।
तो भी क्या हुआ अगर मैं अब वो नहीं जो थी,
मैं आज भी खुद से उतना ही प्यार करूंगी।
