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Tanishka Singh

Fantasy Others

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Tanishka Singh

Fantasy Others

माँ

माँ

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उम्मीदों भरी नई सुबह सी लगती है, 

जब मां मेरी ओर देख मुस्कुराती है। 

कोयल की चहचहाहट सी लगती है, 

जब मां मेरी कुछ गुनगुनाती है। 

बरसात की बूंदों सा सुकून मिलता है,

जब वो खुलकर हंसती है, 

ठंडी हवा के झोंके सा लगता है, 

जब वो अपना हाथ मेरे सर पर फेरती है।

गुलाब से महकता हुआ बगीचा सा लगता है घर,

जब मां मेरी तू खुश होती है। 

मां अब तो बता दें क्या जादू किया है 

क्यों तेरी आगे कोई और कभी भाता नहीं है ।।


तू एक अहसास है, 

तू तो वो तट है जहां हर प्यासे को सुकून मिलता है,

तू वो ध्वनि है जिसे सुनने वाला बेहद खुशनसीब है ।।



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