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Dr Sushil Sharma

Inspirational

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Dr Sushil Sharma

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अष्टांग योग (दोहे)

अष्टांग योग (दोहे)

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यम

पाँच नीति सिद्धांत हैं, ब्रह्मचर्य अस्तेय।

सत्य अहिंसा अपरिग्रह, पालित रहे अजेय।


नियम

शौच और संतोष तप, स्वाध्यायी आधान।

नियम योग के पाँच हैं, ईश्वर में प्रणिधान।


आसान

चौरासी आसान विधि, कायिक क्रिया विधान

अंगों की दृढ़ता बढ़े, तन मन हो बलवान।


प्राणायाम

भाति कपाल को साध कर, करो भस्त्रिका याम।

कर अनुलोम विलोम फिर, प्रणव भ्रामरी नाम।


प्रत्याहार

प्रत्याहार से हो विजय, दस इन्द्रिय साम्राज्य।

मन निरुद्ध जब हो गया, समझो जीता राज्य।


धारणा

मन जब हृदय समा गया, मस्तक मध्य कमान।

धारित हो तब धारणा, बनता ध्यान विधान।


ध्यान

प्रभु में निष्ठा पूर्ण हो, मन में शुद्ध विचार।

अभय और आनंद गुण, चिंतन ले आकार।


समाधि

ध्यान सदा प्रत्यक्ष का, कर परोक्ष का मान।

आत्म मिले परमात्मा से, यह समाधि विज्ञान।


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