कोई तो है।
कोई तो है।
कोई तो है
जो चुनता है
कांटे मेरी राह के
वर्ना जीवन की ये
पथरीली राहें अक्सर
लहूलुहान कर देती है
पथिक के पैरों को
कोई तो है
जो बिछाता है
मेरे पैरों तले ये
मखमली एहसास
यूँ ही तो नहीं
हासिल होती है
मंजिल बिना किसी
बेशकीमती दुआओं के !