कोई खुशी नहीं है गम के सिवा
कोई खुशी नहीं है गम के सिवा
जिंदगी में अपना बनाकर देख लिया,
जिंदगी की राह में चलकर देख लिया।
अब और क्या करुं ऐ दिल तेरे लिये,
जिंदगी में प्यार निभा कर देख लिया।
जब कभी प्यार में विश्वास टूटा है,
लोगों का साथ मजधार में छूटा है,
जमाने भर में कोई नहीं बचा सका है,
प्यार जिंदगी में बर्बाद होकर छूटा है।
फूलों की महक जैसे न रही बहारों में,
जिंदगी गुजर गयी बिछड़े इंतज़ारों में,
उल्फत न रही जैसे जिंदगी के उसूलों में,
उम्र का तकाजा रहा जीने की कगारों पे।
हम हैं वो नहीं हैं वीरानियों में,
जिंदगी किस मोड़ पे ले आई है।
कोई खुशी नहीं है गम के सिवा,
जिंदगी में उनकी याद और तन्हाई है।